तम्बाकू न केवल खाने वालों की सेहत पर बुरा असर डालता है अपितु उगाने वाले की भी सेहत पर बुरा असर डालता है। यह पर्यावरण के लिहाज से भी काफी नुकसानदायक है क्योंकि यह पेड़ों की कटौती को भी बढ़ावा देता है। तम्बाकू में खैनी, गुटखा और सुपारी जैसी चीजें शामिल हैं, जो जानलेवा होती हैं। ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे इंडिया, 2016-17 के मुताबिक, भारत में लगभग 267 मिलियन वयस्क (कुल वयस्कों की आबादी का 29%) तम्बाकू का उपयोग किसी ना किसी रूप में करते ही हैं। भारत में टोबैको के इस्तेमाल का लोकप्रिय तरीका गुटखा, सुपारी, खैनी और जर्दा के रूप होता है।
तंबाकू या धूम्रपान से व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य के साथ साथ शारीरिक सेहत पर भी नकारात्मक असर डालता है। हालांकि ये बात जानते हुए भी दुनियाभर में लोग किसी न किसी प्रकार तंबाकू का करते हैं। पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक स्तर पर बढ़ते हृदय घात के लिए धूम्रपान या तम्बाकू सेवन को भी एक प्रमुख कारण के रूप में देखा जाता है। किसी भी प्रकार के तम्बाकू के उपयोग से कैंसर या फेफड़े की बीमारी की संभावना प्रबल हो जाती है।
इसीलिए तंबाकू के सेवन से रोकने के लिए और इससे होने वाले शारीरिक नुकसान के प्रति जागरूक करने को ध्यान में रखकर प्रति वर्ष पुरे विश्व में विश्व तंबाकू निषेध दिवस यानी World No Tobacco Day के रूप में मनाया जाता है। हर वर्ष विश्व तंबाकू निषेध दिवस 31 मई को मनाया जाता है। हर साल 31 मई को तंबाकू के सेवन को रोकने और इससे होने वाली समस्या से जागरूक करने के लिए विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाने लगा। विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2023 की थीम 'We Need Food Not Tobacco' है।
इसी क्रम में आज उत्क्रमित मध्य विद्यालय भर्री पश्चिम में बच्चों द्वारा अपने शिक्षकों के साथ विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के रूप में गाँव की सड़कों पर तम्बाकू सेवन के ख़िलाफ़ एक छोटी से फेरी निकालकर गाँव के लोगों में इसके प्रति जागरूकता लाने का एक छोटा सा प्रयास था। मुझे लगता है जब गाँव में समस्याओं का अम्बार हो तब इन छोटे छोटे बच्चों का इस भीषण गर्मी में भी इसके प्रति खड़ा होना भी बड़ी बात हो सकती है। इन बच्चों के उत्साह को देखते हुए हर अभिभावकों से अनुरोध है कि वे खुद इस यज्ञ में अपने तंबाकू सेवन आदत को तिलांजलि देकर इस कारवाँ को आगे बढ़ा सकते है। मैं व्यक्तिगत तौर सभी शिक्षकों का आभारी हूँ जिन्होंने इसमें हिस्सा लिया खासकर प्रधानाध्यापक मो. शकील अहमद और विद्यालय के सभी प्रखंड शिक्षक का योगदान ऐसे कामों में बड़ा सराहनीय रहा है।